तू ना कहती है…
तू ना कहती है…
तो मुझे हैं सुनाई पडती है
ये जो अपने बीच कि chamistry है ना,
मुझे इसमें मोहब्बत दिखाई पड़ती हैं।
बिलकुल बच्चो जैसा करती है तू
लड़ती है, झगड़ती है
लेकिन…
इसी में तो अच्छी लगती है तू
अरे ठहरजा…
ठहरजा…
तुझे पता है कभी कभी
गुस्से में गलियां भी बक्ति है तू
मुझे मालूम है
मेरे प्रोपासल से तेरा इंकार हो गया है
लेकिन इस दिल का क्या करूं?
सुनो !!
तुमसे प्यार हो गया है
अरे ! अब फ्रेंड जोन के चककर में
क्या कोई फीलिंग ही ना शेयर करूँ
देख !!
मुझे तो अच्छा लगता है
की हर वक्त मैं तेरी ही केयर करूं
वो मेरी सोइ किस्मत
जैसे करवट लेने को
राजी होगी?
जो सिर्फ एक तरफ़ा होता है
मुझे फिर से ऐसे यार से आशकी हो गई
ये फ्लाइंग किस का चककर छोड़ो
और मेरी रातो से पूछो के ख्वाब कितने सुहाने होते हैं…
भूल जाओगी मुझे सताना
जब महसूस करोगी
के दूरियों के घाओ कितने गहरे होते हैं
तेरा समझाना?…
तेरा समझाना मेरे चेहरे की बिगड़ी हालत को लेकर
सच कहु…!
अब रास नहीं आता
कभी छूकर भी देखो मुझे
फिर कहती हो… के मैं पास नहीं आता
जबरदस्ती नहीं करूंगा…!
मेरी हर शाम
तेरे बालो में उँगलियाँ डाले
तेरा चेहरा देखते रहने के लिए…
हाँ यकीनन
ढूंढ कर लता रहूँगा दिल
बार-बार तेरे फैकते रहने के लिए
मुझे मालूम है मेरे प्रपोजल से तेरा इंकार हो गया है,
लेकिन इस दिल का क्या करू जिसे तुमसे प्यार हो गया है।