Poetry-LADKE BHI ROTE HAI JAB GHAR SE DUR HOTE HAI | SATYENDRA KUMAR | POETRY | POETRY FOR BOYS
LADKE BHI ROTE HAI JAB GHAR SE DUR HOTE HAI
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Ghar me bacche lekin,
bahar mashoor hote hai,
aji ladke bhi rote hain,
jb ghar se dur hote hain,
घर में बच्चे लेकिन,
बाहर मशहूर होते है,
अजी लड़के भी रोते हैं,
जब घर से दूर होते हैं,
Ladke bhi ghar se bahar,
mummy papa ke bager hote hain,
ydi ladki ghar ki lakshmi,
to ladke bhi kuber hote hain,
bss yade hi ja pati hain apne gao jameeno tk,
ladke bhi kahan ghar ja pate hain,
kai sal maheeno tk
apno ke sapno ke khatir,
ye bhi majboor hote hain,
aji ladke bhi rote hai,
jb ghar se dur hote hain,
लड़के भी घर से बाहर,
मम्मी पापा के बगैर होते हैं,
यदि लड़कियां घर की लक्ष्मी,
तो लड़के भी कुबेर होते हैं,
बस यादें ही जा पति हैं अपने गांव जमीनों तक,
लड़के भी कहाँ घर जा पाते हैं,
कई साल महीनो तक
अपनों के सपनो के खातिर,
ये भी मजबूर होते हैं,
अजी लड़के भी रोते हैं,
जब घर से दूर होते हैं,
यदि लड़कियां घर की लक्ष्मी,
तो लड़के भी कुबेर होते हैं,
बस यादें ही जा पति हैं अपने गांव जमीनों तक,
लड़के भी कहाँ घर जा पाते हैं,
कई साल महीनो तक
अपनों के सपनो के खातिर,
ये भी मजबूर होते हैं,
अजी लड़के भी रोते हैं,
जब घर से दूर होते हैं,
Hamesha sochte hain ghar ke bare me,
pr khade kahi or hote hain,
sirf ladkiya hi nahi ladke bhi dil se bade kamjoor hote hain,
vishsv jitne ka ek sikandr inme bhi hota hai,
bss rote nahi pr ek samandar inme bhi hota hain,
Ydi ladki papa ki pari to ladke bhi kohinoor hote hain,
aji ladke bhi rote hai,
jb ghar se dur hote hain,
हमेशा सोचते हैं घर के बारे में,
पर खड़े कही और होते हैं,
सिर्फ लड़कियां ही नहीं लड़के भी दिल से बड़े कमजोर होते हैं,
विश्व जितने का एक सिकंदर इनमे भी होता है,
बस रोते नहीं पर एक समंदर इनमे भी होता हैं,
यदि लड़की पापा की पारी तो लड़के भी कोहिनूर होते हैं,
अजी लड़के भी रोते हैं,
जब घर से दूर होते हैं,
Mana ke ladkio ko ghar chod jane ka ek dr hota hai!!,
lekin inka ek ghar ke bad,
dusra ghar hota hai,
Mana ki ladko ko koi dr nahi hota,
ye nokri to karte hai kai sahro me,
pr inka koi dusra ghar nahi hota,
chand paso ke khatir inke sapne bhi choor hote hain,
aji ladke bhi rote hai,
jb ghar se dur hote hain,
माना के लड़कियों को घर छोड़ जाने का एक डर होता है!!,
लेकिन इनका एक घर के बाद,
दूसरा घर होता है,
माना की लड़को को कोई डर नहीं होता,
ये नौकरी तो करते है कई शहरो में,
पर इनका कोई दूसरा घर नहीं होता,
चंद पैसो के खातिर इनके सपने भी चूर होते हैं,
अजी लड़के भी रोते हैं,
जब घर से दूर होते हैं,
माना के लड़कियों को घर छोड़ जाने का एक डर होता है!!,
लेकिन इनका एक घर के बाद,
दूसरा घर होता है,
माना की लड़को को कोई डर नहीं होता,
ये नौकरी तो करते है कई शहरो में,
पर इनका कोई दूसरा घर नहीं होता,
चंद पैसो के खातिर इनके सपने भी चूर होते हैं,
अजी लड़के भी रोते हैं,
जब घर से दूर होते हैं,