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#1 Poetry by Shubham Shyam | Har Ek Sankat Ka Hal Hoga Lyrics

Har Ek Sankat Ka Hal Hoga Vah Aaj Nahin To Cal Hoga (हर एक संकट का हल होगा, वह आज नहीं तो कल होगा) शुभम श्याम द्वारा लिखी गई एक मशहूर कविता है। शुभम शाम ने इसके अलावा भी कई बहतरीन कविता लिखी है मगर इस कविता ने और Kapil Sharma show ने मिलकर ही इन्हे बोहोत मशहूर किया है।

अगर आप चाहे तो कपिल Kapil sharma show का वह episode देखना चाहते हो जिसमे शुभम श्याम आए थे तो आप इसे Youtube पर देख सकते हैं या फिर आप नीचे दी गई वीडियो को देख सकते हैं

Har Ek Sankat Ka Hal Hoga Vah Aaj Nahin To Cal Hoga Video

Har Ek Sankat Ka Hal Hoga Vah Aaj Nahin To Cal Hoga Lyrics in Hindi

SHar Ek Sankat Ka Hal Hoga Lyrics in hindi by Shubham Shyam
SHar Ek Sankat Ka Hal Hoga Lyrics in hindi by Shubham Shyam

हर एक संकट का हल होगा, वो आज नहीं तो कल होगा

माना की है अँधेर बोहोत और चारो और नाकामी है

माना की है अँधेर बोहोत और चारो और नाकामी है

माना की थक के टूट रहे और सफर अभी दूरगामी है

जीवन की आप धापी में जीने का ठिकाना छूट गया

माना की थक गए सपनो का नींदो में आना छूट गया

माना की हिम्मत छूट गई आँखों में निराशा छाई है…

माना की चाँद पे ग्रहण है और रात अभी गहराई है

पर कृष्ण के साफ कहा है के…

श्री कृष्ण ने साफ कहा है के बस कर्म तुम्हारा कल होगा…

और कर्म अगर सच्चाई है तो कर्म कहाँ निष्फल होगा…

हर एक संकट का हल होगा वह आज नहीं तो कल होगा

लोहा जितना तप्त है उतनी ही तगत भरता है

लोहा जितना तप्त है उतनी ही तगत भरता है

सोने को जितनी आग लगे वह उतना प्रखर निखरता है

हिरे पर जितनी धार लगे वह उतना खूब चमकता है

मिटटी का बर्तन पकता है…तब धुन पर खूब खनकता है…

सूरज जैसा बनना है तो सूरज जितना जलना होगा

नदिओं सा आदर पाना है तो पर्वत छोड़ निकलना होगा

हम आदम के बेटे हैं..क्यों सोचे राह सरल होगी

कुछ ज्यादा वक़्त लगेगा पर संगर्ष जरूर सफल होगा…

हर एक संकट का हल होगा वह आज नहीं तो कल होगा.

अगर आपको हमारी यह कविता पसंद आई हो या आप इसे hinglish या English मैं पढ़ना चाहते हो HAR EK SANKAT KA HAL HOGA WOH AAJ NAHI TOH KAL HOGA POETRY BY SHUBHAM SHYAM in English पर क्लिक करके पढ़ सकते हैं

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