Top 30 + Sad and broken Heart Urdu poetry about life in Hindi | Tute hue dil ke lie Urdu Poetry for life Hindi me
Urdu poetry about life in Hindi
कभी किसी को मुकम्मल जहां नहीं मिलता,
कहीं जमी तो कहीं आसमा नहीं मिलता,
जिसे देखो वह अपने आप में गुम है
जुबा मिली है पर हम जुबा नहीं मिलता
बुझा सका है, कौन वक्त के शोले
यह ऐसी आगे जिसमें धुआ नहीं मिलता
तेरे जहान में ऐसा नहीं कि प्यार ना हो
जहां उम्मीद हो इसकी वहां नहीं मिलता
उल्फत बदल गई ,कभी नियत बदल गई
खुदगर्ज जब हुए तब सीरत बदल गई
अपना कुसूर दूसरों के सर पर डालकर
कुछ लोग सोचते हैं हकीकत बदल गई।
किताबे दिन का कोई भी पन्ना सादा नहीं होता
निगाहें वह भी पढ़ लेती है जो लिखा नहीं होता।
वह नमाज ए इश्क हमें भी सिखा रब,
जिसमें इंतजार सिर्फ अनजान का होता है।
तजुर्बा कहता है मोहब्बत से किनारा कर लु ,
और दिल कहता है यह तजुर्बा दोबारा कर लूं।
मैं सूरज के साथ रह कर भी भुला नहीं अदब
लोग जुगनू का साथ पाकर मगरूर हो गए।
आसमा इतनी बुलंदी पर जो इतना इतराता है
भूल गया वो जमीन से ही नजर आता है।
सीख रहा हूं मैं अब भी इंसानों के पढ़ने का हुनर
सुना है चेहरे पर किताबों से ज्यादा लिखा होता है।
कुछ इस तरह से गुजरी है जिंदगी जैसे,
किसी और का था और किसी और का रहा हूं।
मंजिल मिलेगी भटक कर ही सही,
गुमराह तो वह लोग हैं जो घर से बाहर ही नहीं निकले।
मिलने की तरह वह मुझसे पल भर भी नहीं मिला
दिल उससे मिला जिससे मुकद्दर नहीं मिला।
एक बार और देख कर आजाद कर दे मुझे
मैं आज भी तुम्हारी पहली नजर की कैद में हूं।
तुझसे अच्छी तो तेरी तस्वीर लगती है
मैं देखा करूं उसे तो वह मना भी नहीं करती।
वह ख्वाब था बिखर गया , खयाल था मिला नहीं
मगर यह दिल को क्या हुआ , क्यों बुझ गया पता नहीं।
यू तेरा मायूस रहना भी ठीक नहीं ,
हर बात को हंसकर सहना भी ठीक नहीं।
देर लगेगी लेकिन सही होगा
हमें जो चाहिए वही होगा, दिन बुरे हैं जिंदगी नहीं।
बचपन की हमारी एक गलतफहमी जो हर किसी के साथ हुई है हमें लगा था बड़ा होकर जिंदगी मजेदार बनती जाती है।
मूर्ख गुना करके दुनिया से बचना चाहता है
वह नादान यह नहीं समझता कि सजा दुनिया नहीं समय देगा।
कोई दुआ थी अधूरी शायद
क्योंकि आज बारिश बरसी है बिन मौसम।
रूठने का हक है तुझे तू वजह बताया कर,
खफा होना गलत नहीं तू खता बताया कर।
जो छूट गया उसका क्या मलाल करें,
जो हासिल है ,चल उससे ही सवाल करें
बहुत दूर तक जाते हैं यादों के काफिले
फिर क्यों पुरानी यादों से सुबह से शाम करें
माना एक कमी सी है जिंदगी थमी सी है
पर क्यों दिल की धड़कनों को दरकिनार करें
मिल ही जाएगा जीने का कोई बहाना,
आज जरा इत्मीनान से किसी का इंतजार करें।
किसी ने हमसे कहा इश्क धीमा जहर हैं
हमने भी कहा जल्दी हमें भी नहीं है।
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